सुपरस्टार रवि किशन को मिला संसद रत्न सम्मान — आमिर खान को रिप्लेस कर चुके हैं |
सिनेमा और राजनीति की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले बहुमुखी अभिनेता रवि किशन को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें संसद रत्न पुरस्कार 2024 से नवाजा गया है। यह सम्मान देशभर से चुने गए 17 सांसदों को दिया गया, जिनमें रवि किशन भी शामिल हैं।
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फिल्मी पर्दे से लेकर संसद तक का सफर
रवि किशन आज किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह न सिर्फ भोजपुरी सिनेमा के मेगास्टार हैं, बल्कि बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री में भी अपनी दमदार एक्टिंग के लिए पहचाने जाते हैं। अभिनय की दुनिया में अपने अद्भुत योगदान के साथ-साथ, उन्होंने राजनीति में भी खुद को साबित किया है।
लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने गोरखपुर से जीत दर्ज कर सांसद की जिम्मेदारी संभाली और अब उन्हें संसद में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए संसद रत्न सम्मान प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार संसद में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती से प्रस्तुत करने वाले सांसदों को प्रदान किया जाता है।
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आमिर खान को रिप्लेस कर बनाया नया कीर्तिमान
रवि किशन की लोकप्रियता और एक्टिंग स्किल्स का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह आमिर खान जैसे मेगास्टार को भी एक फिल्म में रिप्लेस कर चुके हैं।
हाल ही में रिलीज हुई किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ में रवि किशन ने एक पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया, जिसकी हर तरफ तारीफ हुई।
इस किरदार के लिए पहले आमिर खान का ऑडिशन लिया गया था और लगभग तय भी हो गया था। लेकिन जब रवि किशन ने इस रोल के लिए कैमरा टेस्ट दिया, तो फिल्म के मेकर्स को उनका अंदाज़ इतना पसंद आया कि उन्होंने आमिर खान की जगह रवि किशन को फाइनल कर लिया। यह फिल्म इतनी चर्चित रही कि उसे ऑस्कर तक भेजा गया।
आमिर खान के ऑडिशन की क्लिप्स भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं, लेकिन रवि किशन ने उस किरदार को अपने अंदाज़ में जीवंत कर एक नई मिसाल पेश की।
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500+ फिल्मों का अनुभव और हर भाषा में सफलता
रवि किशन ने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में बॉलीवुड की छोटी भूमिकाओं से की थी। ‘तेरे नाम’, ‘हेरा फेरी’ जैसी फिल्मों में उनके किरदार भले ही छोटे थे, लेकिन उनका असर गहरा था।
उन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिनमें हिंदी, भोजपुरी, तेलुगू और तमिल भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। वो न सिर्फ एक शानदार हीरो रहे हैं, बल्कि विलेन के रूप में भी उन्होंने खुद को सिद्ध किया है।
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अब सिनेमा के साथ राजनीति में भी स्टार
अब रवि किशन केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि जनता की आवाज भी बन चुके हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि एक कलाकार सिर्फ मंच पर ही नहीं, बल्कि संसद में भी देश की सेवा कर सकता है।
नई दिल्ली के नया महाराष्ट्र सदन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें संसद रत्न पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार साल 2010 से शुरू हुआ था, और हर साल ऐसे सांसदों को दिया जाता है जो संसद में अपनी सक्रियता, सजगता और मूल्यों को मजबूती से उठाते हैं।
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निष्कर्ष: एक प्रेरणा, एक उदाहरण
रवि किशन की कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है। एक छोटे शहर से निकलकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री, राजनीति और अब संसद तक में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो बताती हैं कि संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास से कोई भी ऊंचाई छुई जा सकती है।
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